Saturday, August 29, 2009

सरे महशर यही पूछूंगा खुदा से पहले
तूने रोका भी था मुजरिम को खता से पहले ?

इस तरह सताया है, परेशान किया है 
गोया कि मुहब्बत नहीं एहसान किया है

4 comments: