Friday, November 18, 2011

न हमको भुखमरी का डर न कोई खौफ आखों में,
जुदा सबसे तबियत अपनी मुस्काते हैं फाकों में.
पलटकर तख़्त रखदें ठान लें जो चंद मिनटों में,
तुम्हारी क्या बिसात इसके सिवा डालो सलाखों में .
न तुमको गैरत-ऐ-पानी न कोई शर्म आँखों में,
तुम्हारी जिन्दगी का एक मकसद कट जाये मुनाफों में
तुम्हारी देश सेवा इक भरम झूठा दिखावा है.
ये सब जानते है गिरगिट की तरह ये भी छलावा है.
लूटा,लूटते हो और लुटते रहे हैं हम,
बतादो कुछ किया गर इसके अलावा है.
कभी मारा,कभी पीटा,कभी बेदम ही कर डाला,
कभी छीना,कभी लूटा,कभी विस्थापित भी कर डाला
हमारी रोजी गई,रोटी गई काम पर भी पड़ गया ताला
भुखमरी ने आके घेरा बच्चों के हलक से छीन गया निवाला.
फिर भी जी हुजूरी आपकी करते नहीं थकते,
इसका मतलब ये नहीं की आपसे डरते.
जिसको रचा हमने उसी से हमको डराते हो ,
हथियारों के जोर हम पर आजमाते हो.
न इतना आजमाओ हमको की मजबूर हो जाये..
उठा लें हाथ में हथियार और मगरूर हो जाये......                    

  ताहिर अली
98933-11636
tahirmahi@gmail.com

Friday, November 11, 2011

****अगले जनम मोहे बिटिया कीजो****

जब भी कोंई लड़का जन्म लेता है तो-
आँगन की चिड़ियों का कलेजा कांप उठता है,
तितलियाँ दहशतजदां हो जाती हैं,
चिडडो को घर छोड़ने पर मजबूर होना पड़ता है,
क्योंकि कल यही बच्चा हाथों में गुलेल लिए-
चिड़ियों का शिकार करेगा,घोसलों के अंडे बर्बाद करेगा,
तितलियों पर शामत आ जाएगी,
चिडडो को डोर से बांध उडाएगा,
चीटियों को पैरों तले रोंदेगा,
मेंडक के पैर में पटाखा बांध छोड़ेगा,
छिपकली की पूंछ को काट हंसेगा,
बैलों और गायों पर छड़ी बरसायेगा,
बकरी के मेमनों की टांग खीचेगा,
कुतिया के पिल्लों को रुलाएगा,,
क्योंकि इन सब में मुन्ना को बहुत मजा आता है,,
लेकिन जब बिटिया जन्म लेती है तो-
चिड़िया उम्मीद से हो जाती है,
तितलियाँ घरों के आसपास मंडराना शुरू कर देती है 
क्योंकि यह मुन्ना से छिपाएगी अण्डों को,
तितलियों पर जुल्म नहीं होने देगी,,
बकरी के मेमनों की चीत्कार सुन आँख भार आएगी इसकी,
गाय को अपने हिस्से की रोटी देगी,,
कुतिया के पिल्लों की दूध पिलाएगी 
चीटियों को शकर के दाने डालेगी,,,
इन सब के बदले मुन्ना की मार सहेगी,,
माँ की गलियां सुनेगी....
औ़र अगले दिन फिर अपने काम पर लग जाएगी 
प्यार और ममता के असीम खजाने को लुटाने,,,
                                                         ताहिर अली 
                                                   tahirmahi@gmail.com
                                                       098933-11636