Monday, August 1, 2011

गुस्ताखी माफ़


हमारे घरों में दीवारों और छतों का पता नहीं है,
किन्तु आपके लिए हमने पक्की छत और दीवार बनाई है. 
हमारे घरों की जमीन कच्ची है जो जगह-जगह उखड जाती है,
किन्तु आपकी जमीन हमने मार्बल से तैयार की है.
हमारे घरों की औरतें दूर नदी,कुएं या हैंडपंप से पानी लाती हैं,
किन्तु आपके घर में हमने मुकम्मल पानी का इंतजाम किया है.
हमारे घरों के आसपास बदबूदार नालियां है,
किन्तु आपके घर को हमेशा महकाया है हमने.
हमे तो होली-दीवाली भी नए कपडे नसीब से मिलते है,
किन्तु आपका चोला रोजाना नया आता है.
हमे तो दो जून रोटी के भी लाले है,
किन्तु आपको रोजाना ५६ भोग लगाया है.
प्रभू ! क्या सिर्फ हमारी ही जिम्मेदारी है आपका कोई फ़र्ज़ नहीं?  



                                                  द्वारा --- ताहिर अली 
                                                   098933-11636

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