Saturday, January 30, 2010

शिकवे,शिकायतों से कुछ नहीं होने वाला

शिकवे,शिकायतों से कुछ नहीं होने वाला,
बदनसीबी से ये दौर इतनी आसानी से नहीं जाने वाला.
देखो हमारे दानिश्वरों की शान......
सोने के कप में चाय,काजू चादी की प्लेट में
लिखता है छोटू दो वक्त रोटी अपनी स्लेट में
अब चुप रहने से कुछ नहीं होने वाला
बदनसीबी से ये दौर इतनी आसानी से नहीं जाने वाला.
बहुत हो चुकी  संवेदना,
भाषणों  से कुछ नहीं होने वाला,
छोटू को असलियत में रोटी चाहिए,
रोटी शब्द से पेट नहीं भरने वाला.
मांगने से मिलती भीख है ,
हक़ कभी नहीं मिलने वाला.
छोड़ दो नादानियाँ लड़ो एकसाथ हक़ के लिए,
आपस में लड़ने से कुछ नहीं मिलनेवाला ...

ताहिर अली
09893311636

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