कई हिस्सों में बट गया आदमी.
एक आदमी अनेक हिस्सों में बटने के बाद भी जिन्दा है.
जिन्दा है हर हिस्से के लिए,
आदमी जब पैदा हुआ तभी उसके हिस्से थे,
किन्तु जैसे आदमी बढता गया वैसे उसके हिस्से भी बड़ते गए ,
हिस्सों में बटते बटते आदमी के हिस्से में कुछ नहीं बचा,
बचे सिर्फ हिस्से औ़र आदमी बचा इन हिस्सों को बचाने के लिए,
आदमी कभी माँ के हिस्से में आया,
कभी बाप,कभी भाई औ़र कभी बहिन के ,
इन हिस्सों में बटने के बाद जो हिस्से बचे ,
वो हिस्से आए पत्नी औ़र बच्चों के हिस्से .
इस तरह एक आदमी औ़र असंख्य हिस्से ...................
एक आदमी अनेक हिस्सों में बटने के बाद भी जिन्दा है.
जिन्दा है हर हिस्से के लिए,
आदमी जब पैदा हुआ तभी उसके हिस्से थे,
किन्तु जैसे आदमी बढता गया वैसे उसके हिस्से भी बड़ते गए ,
हिस्सों में बटते बटते आदमी के हिस्से में कुछ नहीं बचा,
बचे सिर्फ हिस्से औ़र आदमी बचा इन हिस्सों को बचाने के लिए,
आदमी कभी माँ के हिस्से में आया,
कभी बाप,कभी भाई औ़र कभी बहिन के ,
इन हिस्सों में बटने के बाद जो हिस्से बचे ,
वो हिस्से आए पत्नी औ़र बच्चों के हिस्से .
इस तरह एक आदमी औ़र असंख्य हिस्से ...................
ताहिर अली
09893311636
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